सेवा को उसी पावन भावना को आगे बढाती हुई हमारी योजना यशोदा प्रकल्प जिसमे हम एक परिवार की २ बच्चियों को पिछले ३ सालो से ३००० रुपये की मासिक सहायता राशि दे रहे है इन बच्चियों के मात पिता की मृत्यु हो चुकी है शायद हमारे इस छोटे प्रयास से उनका पूरा खर्च ना चलता हो पर यह एक सहयोग है जो उनकी जिंदगी को थोड़ा आसान बन रहा है
यात्राओं की सफलता से उत्साहित हो यात्रा संघ ने कुछ और बड़ा, निरंतर एवं चुनौतीपूर्ण लक्ष्य लेने
का निर्णय लिया।
इस संकल्प की उपज है। निम्नलिखित योजनाएं:
1. शिक्षा सेतु : इस योजना के अन्तर्गत सीमान्त प्रदेशों में महानगरों द्वारा प्रयोजित एकल
विद्यालयों की एक श्रृंखला का निर्माण है। जो अपनी महानगर स्थित जीवनरेखा से सक्रियता से जुड़ी
हो और सीमान्त क्षेत्र में होने वाली किसी भी राष्ट्र विरोधी हरकत पर संबंधित महानगर को चेताए
और वह महानगर संबंधित बड़े क्षेत्र को इस घटना के प्रति जागरूक कर त्वरित कार्यवाही के लिए
तैयार करे। इस तरह का अंतरंग व्यहु न केवल सीमांत प्रदेशों की सरकारी निर्भरता को कम करेगा
अपितु वह क्षेत्र सुरक्षात्मक दृष्टि से स्वयं सिद्ध हो, सामाजिक सहभगिता से क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति
को इन गंभीर मुद्दों के प्रति जागरूक करेगा।
2. शिक्षा मित्र : शिक्षित भारत, समर्थ भारत-इस मूल विचार को लेकर, इस योजना के तहत मे
न्यूनतम राशि पर शिक्षण का प्रावधान है। इस माध्यम से शिक्षा के साथ-साथ युवा पीढ़ी को राष्ट्र
विरोधी षड्यंत्रों की चुनौती के प्रति जागरूक एवं सजग करने का कार्य यात्रा संघ ने अपने जिम्मे लिया
है।
3. केप्टन विक्रम बत्रा पुर्नवास योजना : इस योजना के अन्तर्गत आंतकवाद ग्रसित क्षेत्रों में कार्यरत
सुरक्षाबलों एवं सामाजिक प्रभाव वाले व्यक्तियों से तालमेल बना आतंकवाद के शिकार बच्चों को,
जिन्होंने ऐसी किसी घटना में अपने माता-पिता को खोया है, उनका समुचित पालन, यात्रा संघ का
दायित्व होगा।
यात्रा संघ अपने “एक भारत-सशक्त भारत-श्रेष्ठ भारत" के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए अनेक प्रकल्पों एवं
कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है।